नीति और वातावरण से ही मुमकिन है देश में औद्योगिक विकास: राकेश
खुद भूखा रहकर किसी को खिला कर तो देखो कुछ यू इंसानियत का फर्ज निभा कर तो देखो। इन पंक्तियों को साकार करते है समाज सेवा और उद्योग जगत का स्वयं को ध्रुवतारा साबित कर चुके उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम के उपाध्यक्ष राकेश गर्ग, सामाजिक जीवन में आरएसएस के सर कार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल को अपना आदर्श मानने वाले राकेश गर्ग पूर्व पीएम भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई और पीएम नरेंद्र मोदी को राजनैतिक जगत में अपने प्रेरणाश्रोत के रूप में देखते हैं। लघु उद्योग भारती, कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन, आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन और भारत विकास परिषद, विद्या भारती जैसे औद्योगिक और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े राकेश गर्ग उद्योग जगत के सक्मान के लिए स्वयं को समर्पित मानते हैं, जीवन में स्वयं के लक्ष्य की बात करते हुए राकेश जी कहते हैं कि देश में एक सकारात्मक औद्योगिक माहौल तैयार हो और लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिले। युवक पत्रिका के अजय शर्मा से एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने उद्योग जगत और निजी जिंदगी से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर खुलकर चर्चा की, पेश है उनसे हुई बातचीत के खास अंश…
पारिवारिक पृष्ठभूमि कैसी रही, एजुकेशन कंप्लीट करने के बाद करियर की शुरुआत कहां से हुई?
30 नवंबर 1964 को आगरा में ही मेरा जन्म हुआ, पिता श्री राम प्रकाश गर्ग का शुरुआती व्यापार हार्डवेयर की दुकान थी माँ रुकमणी देवी गृहणी थी, पांच भाई-बहनों में मैं तीसरे नंबर का हूं। बचपन अच्छा बीता, सरस्वती विद्या मंदिर में प्रारिभक शिक्षा ली, अग्रसेन इंटर लेज से इंटर किया और फिर सेंट जॉन्स कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद इकोनॉमिक्स से एमए किया। इंटर पास करने के बाद पिताजी के साथ दुकान पर बैठने लगा। व्यापार के प्रारंभिक गुण मुझे वहीं से मिले फिर शीतग्रह को भी देखना शुरू किया और आगे चलकर जरनेटर फ़ैक्ट्री संभाली।
समाज सेवा की प्रेरणा कहां से मिली?
पिता लायंस क्लब से जुड़कर समाज सेवा के कामों में सक्रिय रहे उन्हीं से समाज सेवा की प्रेरणा मिली पिताजी हमेशा जरूरतमंद लोगों की आर्थिक मदद करते थे। उन्हीं के इस स्वभाव ने
हमें भी समाजसेवा के प्रति प्रेरित किया।
आप सामाजिक जीवन में अपना आदर्श किसे मानते हैं?
समाजिक जीवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल जी ने मुझे काफी प्रभावित किया हैं। जब वह आगरा में विभाग प्रचारक बनकर आए तो मुझे उनका सानिध्य
प्राप्त हुआ, उस दौरान उनकी हर बात ने मुझे प्रभावित किया और उन्हीं से मैंने निस्वार्थ और निष्पक्ष समाज सेवा का पाठ सीखा।
आप अपना राजनीतिक आदर्श किसे मानते हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे राजनीतिक आदर्श हैं मैं तो यह कहूंगा कि मेरे ही नहीं पूरे देश के वे आदर्श हैं। हाल ही में लोकसभा चुनावों में उनको मिली प्रचंड जीत इस बात का प्रमाण है।
उनके नेतृत्व में यह देश फिर अपने गौरवशाली इतिहास को दुहराएगा और हमारा देश फिर सोने की चिडिय़ा कहलायेगा, ऐसा मुझे विश्वास है।
आप लघु उद्योग निगम के उपाध्यक्ष हैं इस महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं?
उद्योगों और रोजगार को बढ़ावा देना मेरी प्राथमिकता है। लघु उद्योग निगम की नीतियों को उद्यमियों के लिए सहज और सरल बनाने पर मेरा जोर रहेगा सरकारी विभागों और उद्यमियों के बीच पारस्परिक तालमेल से उद्यमिता को हर सम्भव प्रोत्साहन दिलाना मेरा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
ताजमहल और अन्य संरक्षित इमारतों के आगरा के उद्योगों पर प्रभाव को आप किस नजर से देखते हैं?
ताजमहल हमारी शान है पर उद्योग हमारी जान है, उद्योगों के लिए माहौल अब सकारात्मक हो रहा है, 156 प्रकार की इंडस्ट्री को यहां व्हाइट कैटेगरी में शामिल किया गया है जिससे उद्योग जगत को संजीवनी मिली है और हमें विश्वास है कि लम्बे समय से चली आ रही अन्य बाधाएं भी जल्द दूर होंगी।
क्या प्रदूषण के लिए इंडस्ट्रीज जिम्मेदार है?
यह धारणा गलत है कि उद्योग प्रदूषण के लिए दोषी हैं, तमाम रिपोर्ट में यह साबित कर चुकी है कि उद्योगों से 10 प्रतिशत से भी कम प्रदूषण होता है 90 प्रतिशत प्रदूषण का कारण वाहन और अन्य निर्माण कार्य हैं वहीं आगरा में यदि औद्योगिक इकाइयों से होने वाले प्रदूषण की बात करें तो यह नगण्य है।
आगरा में आपको किन उद्योगों का भविष्य आप उज्जवल देखते हैं?
आगरा की वर्तमान में जूता, चैन और पर्यटन उद्योग के लिए अपनी खास पहचान रखता है। आगरा का पेठा विश्व प्रसिद्ध है सब जानते हैं, यहां आलू की पैदावार को देखते हुए फूड प्रोसेसिंग यूनिट का भी भविष्य उज्वल है। रेडीमेड गारमेंट्स, ह्रश्वलास्टिक उद्योग, इंजीनियरिंग उद्योग, आईटी इंडस्ट्री में यहां अपार सम्भवनाएँ हैं क्यों कि यहां मेनपॉवर सस्ती उपलब्ध है जोकि प्रोडक्शन कॉस्ट को कम करती है। कई इंजीनियरिंग कालेज होने की वजह से आईटी सेक्टर को भी यहां फायदा है, रोड कनेक्िटविटी तो अच्छी है ही, हवाई अड्डा बनने ये सारे उद्योग और तेजी से गति पकड़ सकते हैं।
आप अपनी लाइफ का सक्सेस मंत्रा क्या मानते हैं?
बिना परिश्रम के सफलता संभव नहीं है यदि हम अपना इरादा पक्का करके ईमानदारी के साथ सही दिशा में प्रयास करें तो सफलता मिलना सुनिश्चित है सफलता के लिए कभी भी शॉर्टकट ना अपनाएं।
जीवन का कोई यादगार लक्हा जिसे आप कभी भूल नहीं सकते?
मोदी जी से भेंट एक यादगार लम्हा था, साथ ही अटल जी से भी एक पुरातन छात्र सम्मेलन में मेरी मुलाकात हुई जो मेरे लिए यादगार बन गई उनके व्यक्तित्व और भाषा शैली से मैं काफी प्रभावित हुआ यह लम्हे मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकता।
कोई ऐसी आदत जिस पर आप का बस नहीं चलता?
समाज सेवा के प्रति निरंतर सक्रियता मेरी ऐसी आदत है जिसके बिना मैं स्वयं से संतुष्ट नहीं होता। एक भी दिन सामाजिक कार्यों से दूरी मुझे विचलित कर देती है।
यूथ को क्या संदेश देना चाहेंगे?
यूथ के लिए वर्तमान चुनौतियों भरा है। आज के युवा और बच्चे इंटरनेट और मोबाइल के आदी हो रहे हैं और आज की चकाचौंध में भटक कर दिशा भ्रमित हो रही हैं, युवाओं को जरूरी है अपने लक्ष्य को निर्धारित करके आगे बढऩे की, साथ ही इस बात का भी ख्याल रहे कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है वे किसी भी प्रकार के शॉर्टकट से बचें।
देश की राजनीतिक दशा और दिशा पर आप क्या कहना चाहेंगे?
वर्तमान सरकार उद्यमियों के प्रति संवेदनशील है, जीएसटी में कई बार संशोधन कर उसे पारियों के लिए सरल बनाया जाना इसका प्रमाण है। मोदी जी ने जीत के बाद भाजपा मुख्यालय में दिया भाषण उनकी नीति को स्पष्ट करता है कि यह सरकार गरीब और उद्यमियों की सरकार है क्योंकि उद्योगों के विकास के बिना देश का सर्वांगीण विकास नामुमकिन है।
उद्यमियों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
जीवन में काफी उतार-चढ़ाव आते हैं ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें, प्रतिस्पर्धा के इस दौर में नई टेक्नोलॉजी अपनाएं और निरंतर स्वयं को अपग्रेड करते रहें, वैश्विक स्तर पर आपके उत्पाद या व्यापार से संबंधित जो भी गतिविधियां हो उन पर नजर रखें।